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किसान का दर्द कविता :- अन्नदाता की सुनो पुकार | किसान की व्यथा पर कविता

by Sandeep Kumar Singh
1 minutes read

किसान इस देश के अन्नदाता हैं फिर भी उनकी स्थिति आज के दौर में बहुत ही दयनीय हो रही है। खेती कर पर कभी उसे सूखे की मार झेलनी पड़ती है तो कभी बाढ़ की। ऐसे में बहुत सरे किसान कर्जदार हो कर आत्महत्याएं कर रहे हैं। ऐसे ही किसान भाइयों को समर्पित है ये किसान का दर्द कविता :-

किसान का दर्द कविता

किसान का दर्द कविता

कुछ फांसी पर लटक चुके
कुछ हो रहे अब तैयार,
कैसा मचा ये हाहाकार
अन्नदाता की सुनो पुकार।

स्वयं चाहे भूखा रह जाए
औरों तक भोजन पहुंचाए
फिर भी कोई न उसकी सुनता
किसको अपनी व्यथा सुनाये,
राजनीती के शोर में अक्सर
दब जाती उसकी चीत्कार
कैसा मचा ये हाहाकार
अन्नदाता की सुनो पुकार।

लोग तो झूठे हैं ही यहाँ पर
मौसम भी बेईमान हुआ
बेकार हुयी सारी मेहनत
और बहुत नुकसान हुआ,
कभी आ रही बाढ़
कभी सूखे की पड़ती मार
कैसा मचा ये हाहाकार
अन्नदाता की सुनो पुकार।

कितनी भी विकत हो परिस्थिति
उम्मीद वो बांधे रहता है
भटके न वो राह कभी
लक्ष्य को साधे रखता है,
फिर भी ऐसी हुयी है हालत
आज हो रहा है कर्जदार
कैसा मचा ये हाहाकार
अन्नदाता की सुनो पुकार।

जमीन वो गिरवी रख देता
बेटी का ब्याह रचाने को
करता है वो ये सब बस
समाज में इज्ज़त बचाने को,
लेकिन वो समझ न पाए
ये समाज करे है अत्याचार
कैसा मचा ये हाहाकार
अन्नदाता की सुनो पुकार।

गर किसान हो न रह जायेगा
ये जग भूखा मर जायेगा
बिन किसान के देश भी ये
आगे न बढ़ पायेगा,
कुछ सोचो कुछ बात करो
जीवन में कुछ इनके सुधार
कैसा मचा ये हाहाकार
अन्नदाता की सुनो पुकार।

पढ़िए :- किसान पर कविता ‘ये धरा ही उसकी माता है’

किसान का दर्द कविता आपको कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स के जरिये जरूर बताएं। यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हामरे ब्लॉग के जरिये लोगन तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ blogapratim@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

11 comments

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विनोद कुमार गर्ग जनवरी 12, 2023 - 10:25 पूर्वाह्न

किसान कि कविता में आप ने किसानों का दुःख का वर्णन किया है भगवान आप का भला करे

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Mpbharti सितम्बर 15, 2022 - 5:43 अपराह्न

दिल को छू लेने वाली कविता। बेहतरीन काव्य रचना साझा करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।।

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 19, 2022 - 7:14 अपराह्न

धन्यवाद भारती जी।

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कुशकुमार सिंह राजावत दिसम्बर 12, 2020 - 4:14 अपराह्न

बहुत सटीक कविता है
मैं भी शब्द जोड़ने का प्रयास करता हूँ जैतावत जी, fb पर तो पोस्ट करता रहता हूँ पर ब्लॉग नहीं बन पा रहा है कृपया मदद करें।
कुशकुमार सिंह राजावत
मथुरा

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Chandan Bais
Chandan Bais दिसम्बर 16, 2020 - 11:09 पूर्वाह्न

इस मामले में अधिक बातचीत के लिए आप हमसे blogapratim@gmail.com पर या Whatsapp 7697293600 पर संपर्क करे। धन्यवाद

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भँवर सिंह जैतावत अप्रैल 30, 2020 - 4:46 अपराह्न

आपकी कविताए बहुत अच्छी हे 9414815994 मेरे वाट्सप नम्बर हे

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Budharam फ़रवरी 10, 2020 - 8:44 अपराह्न

Bahut sandarr rachnae ji

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Nagesh जुलाई 21, 2018 - 10:43 अपराह्न

Nice Sir……

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 22, 2018 - 3:06 अपराह्न

धन्यवाद नागेश जी।

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siwan News Online जुलाई 21, 2018 - 12:25 अपराह्न

kya baat batai hai aapne bahut bahut shukriya ye kavita share karne ke liye bahut bahut dhanyawad!

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 21, 2018 - 6:01 अपराह्न

धन्यवाद श्रीमान।

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