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पढ़िए आदरणीया अंशु विनोद गुप्ता जी की एक खुबसूरत और बेहतरीन रचना जयकरी छन्द – चिड़िया आकर बैठी डाल । जिसका विधान इस प्रकार है :-
जयकरी/जयकरी छन्द
चार चरण, प्रत्येक चरण में15 मात्राएं
अंत में गुरु लघु ।
जयकरी छन्द – चिड़िया आकर बैठी डाल
चिड़िया आकर बैठी डाल
बच्चे करते ख़ूब धमाल।
घर घर भेजा कूड़ा दान
ख़ातिर वोट पैसा उछाल।
पानी बरसाते कब मेघ
खेत मढ़ैया पड़ा अकाल।
रहा प्रदूषण पंख पसार
धरती रहना हुआ मुहाल।
धरती का हिलता भूगोल
अंधड़ ,सूनामी भूचाल।
जब भी आते देश चुनाव
थामे नेता हाथ कुदाल।
क़ब्र खोदते इज्जत मान
आतंकी दस रखते पाल।
भरा पड़ा है जल में कीच
मोती कैसे चुगे मराल।
खुशियाँ बँटती थीं हर बार
फोकट मिलती नहीं पुआल।
मिलना जुलना नेह विहीन
हिंसा कटुता,जलन बवाल।
सेवा माता-पिता अभाव
गड़ी निगाह वसीयत माल।
✍ अंशु विनोद गुप्ता
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अंशु विनोद गुप्ता जी एक गृहणी हैं। बचपन से इन्हें लिखने का शौक है। नृत्य, संगीत चित्रकला और लेखन सहित इन्हें अनेक कलाओं में अभिरुचि है। ये हिंदी में परास्नातक हैं। ये एक जानी-मानी वरिष्ठ कवियित्री और शायरा भी हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें गीत पल्लवी प्रमुख है।
इतना ही नहीं ये निःस्वार्थ भावना से साहित्य की सेवा में लगी हुयी हैं। जिसके तहत ये निःशुल्क साहित्य का ज्ञान सबको बाँट रही हैं। इन्हें भारतीय साहित्य ही नहीं अपितु जापानी साहित्य का भी भरपूर ज्ञान है। जापानी विधायें हाइकू, ताँका, चोका और सेदोका में ये पारंगत हैं।
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