प्राकृतिक कविताएँ, हिंदी कविता संग्रह

जल संरक्षण पर कविता – जल का महत्व कविता | Jal Sanrakshan Mahatva Kavita


हमारे जीवन में जल का बहुत महत्व है। बिना जल इस धरती पर जीवन संभव ही नहीं है। यह कुदरत का दिया हुआ ऐसा संसाधन है जिसका कोई मूल्य तो नहीं है लेकिन यह अमूल्य है। जल का स्थान और कोई भी वास्तु नहीं ले सकती। क्या इंसान, क्या पशु-पक्षी, पेड़-पौधों तक को जल की आवश्यकता है। आज लोग बिना किसी सोच-विचार के पानी व्यर्थ बहाते हैं। अभी उन्हें इस कृत्य पर कोई अफ़सोस नहीं होता परन्तु इसका फल उनके आने वाली पीढियां भोगेंगी। इसलिए आज आवश्यकता है जल संरक्षण की। ( धरती पर जल कहाँ से आया? जानने ले लिए यहाँ क्लिक करें ) आइये पढ़ते हैं जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करती यह “ जल संरक्षण पर कविता ” :-

जल संरक्षण पर कविता

जल संरक्षण पर कविता

जल जीवन के लिए बहुत ही
आवश्यक है तत्त्व,
पंच महाभूतों में इसका
सबसे अधिक महत्त्व।

अगर नहीं होता जल जग में
कहीं न होते जीव,
हरियाली की पड़ ना पाती
इस वसुधा पर नींव।

नहीं रहेगा जल तो सारे
सूखे होंगे खेत,
धूल उड़ेगी धरती ऊपर
या फिर होगी रेत।

नहीं अन्न का दाना होगा
भूखे होंगे लोग,
तड़पाएँगे तब मानव को
तरह-तरह के रोग।

तरसेंगे हम बूँद बूँद को
सुख का होगा अन्त,
पतझर ही तब दीख पड़ेंगे
होंगे नहीं बसन्त।

सभी दिशा में फैले होंगे
सूखा और अकाल,
यहाँ-वहाँ जीवों के बिखरे
होंगे तब कंकाल।

बढ़ता ही जाता है प्रतिदिन
जनसंख्या का भार,
और धरा पर संचित जल का
रीत रहा भंडार।

जल-स्रोतों को दूषित करना
सचमुच भारी भूल,
पेड़ काट कर उगा रहे हम
पथ में अपने शूल।

अगर बचाना है जीवन तो
करें न जल बर्बाद,
जल ही है आधार जीव का
बात रखें यह याद।

करें यत्न सामूहिक पाने
जल-संकट से त्राण,
छुपा हुआ जल-संरक्षण में
हम सबका कल्याण।

पढ़िए :- जल संरक्षण को समर्पित “जल के महत्व पर दोहे”


‘ जल संरक्षण पर कविता ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।

धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *