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इत्तेफाक-ए-शायरी – जिंदगी के इत्तेफाकों पर शायरी | Ittefaq Shayari In Hindi

by Sandeep Kumar Singh
5 minutes read

इंसान की जिंदगी इत्तेफाकों से भरी पड़ी है। जन्म से लेकर मौत तक इत्तेफाक ही इत्तेफाक हैं। कई लोग इत्तेफाक से मिल जाते हैं और कई इत्तेफाक से बिछड़ जाते हैं। लेकिन ये जिंदगी यूँ ही चलती रहती है। इत्तेफाकों के सिलसिले यूँ ही चलते रहते हैं। ऐसे ही कुछ इत्तेफाकों संजोया है हमने इस शायरी संग्रह में :- ‘ इत्तेफाक-ए-शायरी ‘

इत्तेफाक-ए-शायरी

इत्तेफाक-ए-शायरी

1.
ए खुदा ये इत्तेफाक बनाये रखना
उसका और मेरा साथ बनाये रखना,
हमें डर नहीं ज़माने और वक़्त की आंधियो का
बस हमारे सर पर अपना हाथ बनाये रखना।

2.
दिल धड़क रहे थे मन ये बेताब था
उससे हमारा रिश्ता बहुत ही पाक था,
न जाने क्यों जुदा हो गया वो हमसे
न जाने किसी की साजिश थी
या ये कोई इत्तेफाक था।


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3.
वक़्त मिला तो मिलना फिर से होगा तुझसे
न मिला तो मिलना इत्तेफाक से होगा।

4.
न ये संजीदगी की बात थी न ये मजाक की बात थी,
मेरी जिंदगी का बर्बाद होना महज इत्तेफाक की बात थी।

5.
उनकी नजरों से मेरी नजरों की बात हो जाए,
धड़के दिल उसका भी मेरे नाम से ऐसे हालात हो जाएँ,
तमन्ना हम भी रखते हैं उससे इश्क फरमाने की
इत्तेफाकन ही सही उससे अकेले में मुलाकात हो जाए।

6.
अकेला नहीं हूँ मैं, कई आशिक मेरे जैसे हैं,
नसीब होती है किसे ये मोहब्बत की जन्नत
ये तो महज इत्तेफाक की बात है।

7.
उसका राहों में मिल जाना महज एक इत्तेफाक ही था,
अगर वो मेरे होते तो लौट आये होते।

8.
लौट आये वो मेरी जिन्दगी में
लेकिन क्यों ?
ये अब तक भी राज था,
उसका लौट आना इत्तेफाक था
या उसका बिछड़ जाना इत्तेफाक था।


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9.
ये इत्तेफाक ही है जो तुम हर मोड़ पर मिल जाते हो,
वर्ना दुवाएं हमारी खुदा कहाँ कबूल करता है।

10.
मेरी जिंदगी में अक्सर ऐसे इत्तेफाक होते हैं,
दर्द तभी मिलते हैं जब हम खुश होते हैं।

11.
कुछ सोच कर खुदा ने भेजा है तुझे मेरी जिंदगी में,
मुझसे तेरा यूँ मिलना इत्तेफाक नहीं हो सकता।

12.
इत्तेफाकन ही खुल गए सब राज उसके,
बस उस रोज से वो हमारे लिए बेवफा हो गया।

13.
ये इत्तेफाक था या जरूरत उसे खींच लायी थी,
बुरे वक़्त में जिसने हमें अपनी औकात दिखाई थी।

14.
इत्तेफाक ये है आज-कल सब की जिंदगी में
कि जितने भी झूठ बोले जाते हैं,
पूरी सच्चाई के साथ बोले जाते हैं।

15.
उसका आना और जाना अब मजाक सा लग रहा है,
हमारे दरमियान बीता हर पल इत्तेफाक सा लग रहा है।

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‘ इत्तेफाक-ए-शायरी ‘ शायरी संग्रह के बारे में अपने विचार हमें जरूर बताएं।

धन्यवाद।

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1 comment

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Gulsher Hayat जनवरी 14, 2019 - 10:51 अपराह्न

Beautifull baetifulll beautifull .????????????????????
My name is Gulsher hayat mujhe apki shayri 11 no.. wali bhot pasnd aae ap se gujarish mujhe ye shayri de plz plz plz

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