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रास्ता भटक गया हूँ मैं : एक राह भटके हुए मुसाफ़िर की कविता

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

रास्ता भटक गया हूँ मैंजीवन एक सफ़र है, जिसमे हर किसी को सफ़र करना है। हम सब मुसाफिर है इस सफ़र के। इस सफ़र में रास्ते हम खुद चुनते है, कभी-कभी ये बहारो वाली और मजेदार होती है। कभी-कभी काँटों वाली और कष्टदायक होती है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे है जिनके जीवन सफ़र में कोई साफ़ मंजिल नही होता। ऐसे में वो इस रस्ते से उस रस्ते भटकते रहते है। ऐसे ही अपने सफ़र से एक भटके हुए मुसाफ़िर की कविता आप पढेंगे : रास्ता भटक गया हूँ मैं ।

रास्ता भटक गया हूँ मैं

रास्ता भटक गया हूँ मैं

खुशियों के इस सफर में,
गमों ने किया है बसेरा।
रास्ता, भटक गया हूं मैं,
कारवां छूट गया मेरा।

मैं दर-दर ठोकर खाता हूँ,
हर कदम पर गिरता जाता हूँ,
कोशिश करता हूँ लाखों मैं,
पर फिर भी संभल न पाता हूँ।
खोया है उजाला जीवन का,
है चारों ओर अंधेरा ,
रास्ता, भटक गया हूं मैं,
कारवां छूट गया मेरा।

जब मिलता कोई मुसाफिर है,
मैं संग उसके हो लेता हूँ,
किसी मोड़ पर कोई अजनबी,
जब मुझको छोड़ के जाता है,
मैं गुजरे राह को तकता हुआ,
खुद को तनहा सा पाता हूँ।
न पता न कोई ठिकाना है,
जहाँ रुके वहीं है डेरा,
रास्ता भटक गया हूं  मैं,
कारवां छूट गया मेरा।

हर ओर अजनबी दिखते हैं,
रहा न अब कोई मेरा,
न रात अंधेरी कटती है,
न होता है अब सवेरा।
बेबस सी है जिंदगी अब तो,
हर ओर मुसीबत ने घेरा,
रास्ता, भटक गया हूं  मैं,
कारवां छूट गया मेरा।

पढ़िए :- जिंदगी का सफ़र बताती एक हिंदी कविता

” रास्ता भटक गया हूँ मैं कविता आपको कैसे लगी हमें जरूर बताएं। अगर आप भी कोई मुसाफ़िर है तो अपने अनुभव भी हमारे साथ शेयर करें।

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7 comments

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Dr Mangesh Kashyap नवम्बर 29, 2022 - 4:10 पूर्वाह्न

Very Meaningful poems based on enlightenment & self realisation….Keep Expressing life and enhancement of breath by your own way…

Reply
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Sachin kumre अप्रैल 20, 2019 - 11:48 पूर्वाह्न

Such me incredible poem I like it

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 20, 2019 - 12:04 अपराह्न

Thanks Sachin Kumre ji….

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Charles दिसम्बर 10, 2018 - 10:13 अपराह्न

इस ब्लॉग का मैं फैन हो गया हूँ।
वो सब मिला जिसकी मुझे जरूरत थी ।
बहुत बहुत बढ़िया

Reply
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Muni Deo Verma जुलाई 8, 2017 - 11:20 अपराह्न

you are great I impressed with your poems
Thank you

Reply
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P..Joshi मई 23, 2017 - 2:54 अपराह्न

बहुत सुंदर सुंदर रचनाएं!!!

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 23, 2017 - 3:33 अपराह्न

धन्यवाद Joshi जी….

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