सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
आज का युग नवीनता का युग है। हम अपनी जिंदगी में बहुत तेजी से आगे भागते जा रहे हैं। इसी भाग दौड़ में हम वो चीजें अपना रहे हैं जो आधुनिकता की पहचान हैं। इसी बीच हम अपनी पौराणिक संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। इसलिए हमने एक कोशिश की है की भारत की पौराणिक संस्कृति के कुछ रोचक और दिलचस्प चीजें संक्षिप्त में आपके रूबरू करवाएं।
।। भारत की पौराणिक संस्कृति | Indian Culture ।।
* दो पक्ष *
कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष!
* तीन ऋण *
देव ऋण, पितृ ऋण एवं ऋषि ऋण!
* चार युग *
सतयुग, त्रेता युग, द्वापरयुग एवं कलयुग!
* चार धाम *
द्वारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम!
* चारपीठ *
शारदा पीठ (द्वारिका ), ज्योतिष पीठ (जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन
पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ!
* चार वेद *
ऋग्वेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद एवं सामवेद!
* चार आश्रम *
ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं संन्यास!
* चार अंतःकरण *
मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार!
* पञ्च गव्य *
गाय का घी, दूध, दही, गोमूत्र एवं गोबर!
* पञ्च देव *
गणेश, विष्णु, शिव, देवी और सूर्य!
* पंच तत्व *
पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश!
* छह दर्शन *
वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग, पूर्व मिसांसा एवं दक्षिण मिसांसा!
* सप्त ऋषि *
विश्वामित्र, जमदाग्नि, भारद्वाज, गौतम, अत्री, वशिष्ठ और कश्यप!
* सप्त पूरी *
अयोध्या पूरी, मथुरा पूरी, माया पूरी ( हरिद्वार ), काशी, कांची (शिन कांची-विष्णु कांची), अवंतिका और द्वारिका पूरी!
* आठ योग *
यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधी!
* आठ लक्ष्मी *
आग्घ, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग एवं योग लक्ष्मी!
* नव दुर्गा *
शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री!
* दस दिशाएं *
पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, इशान, नेत्रत्य, वायव्य आग्नेय, आकाश एवं पाताल!
* मुख्या ग्यारह अवतार *
मत्स्य, कच्छप, बराह, नरसिंह, बामन, परशुराम, श्रीराम, कृष्ण, बलराम, बुद्ध एवं कल्कि!
* बारह मास *
चेत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फागुन!
* बारह राशी *
मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ एवं कन्या!
* बारह ज्योतिर्लिंग *
सोमनाथ, मल्लिकर्जुना, महाकाल, ओमकालेश्वर, बैजनाथ, रामेश्वरम, विश्वनाथ, त्रियम्वाकेश्वर, केदारनाथ, घुष्नेश्वर, भीमाशंकर एवं नागेश्वर!
* पंद्रह तिथियाँ *
प्रतिपदा, द्वतीय, तृतीय,. चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी,
दशमी, एकादशी, द्वादशी,
त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा , अमावस्या।।
⇒वेद, ज्ञान-विज्ञान – The Power Of Vedas⇐
उम्मीद है भारत की पौराणिक संस्कृति की ये संक्षिप्त जानकारी आप लोगो को पसंद आई होगी। इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने परिचितों से शेयर करना ना भूले। अपने विचार हमें कमेंट के माध्यम से बताये जिससे हमें प्रोत्साहन मिले और ऐसे ही जानकारी आपके लिए लाते रहे।
पढ़िए ये ज्ञानवर्धक पोस्ट –
- भारत माता पर कविता “भारत माँ की गौरव गाथा”
- भारतीय ( मुद्रा ) रुपया – रोचक तथ्य, कहानी और इतिहास
- राम नाम की महिमा – रामायण की कहानी
धन्यवाद।