गीत गजल और दोहे, हिंदी कविता संग्रह

होली पर हिंदी गीत :- होली में रंग लगाएंगे | होली की हुड़दंगी गीतिका


वैसे तो बसंत के मौसम में चारों तरफ भांति-भांति के रंग नज़र आते ही हैं मगर होली इन रंगों में भी चार चाँद लगा देती है। जब इंसान भी रंग-बिरंगे नज़र आने लगते हैं। गुझिया सहित और भी मीठे पकवान इस दिन खाने को मिलते हैं। चारों ओर उल्लास का माहौल रहता है। आइये पढ़ते हैं ऐसे ही उत्साह भरे होली के दृश्य का वर्णन करता “ होली पर हिंदी गीत “

होली पर हिंदी गीत

होली पर हिंदी गीत

होली में रँग लगाएंगे ।।
चैती कजरी सब गाएंगे।।

पीकर शिवजी की ठंडाई ,
पारो को गले लगाएंगे ।।

ले आओ बनारसी बीड़ा ,
गालों पर अधर बनाएंगे ।।

रॉकेट क्यों पहुँचा चन्दा पर ,
तारों तक सीढ़ी लगाएंगे ।।

पीकर भाँग बियर का लोटा ,
रबड़ी,गुँझियां ही खाएंगे ।।

आज ठिठोली भाभी के संग ,
भैया को साली दिलाएंगे ।।

बिना हमारे करली शादी ,
माँ बापू ब्याह रचाएंगे ।।

कहीं दूर टेसू है दहका
वन में मेघ बरसायेंगे ।।

चूहा बजा रहा शहनाई ,
गधे को सूली चढ़ाएंगे ।।

भीगी चोली उड़ी चुनरिया ,
गल मूँछ स्वांग हँसाएंगे ।।

मन से मन की गाँठ को खोलो ,
होली है प्यार जताएंगे ।।

बुरा न मानों कहकर होली ,
नर-नारी गले लगाएंगे ।।

✍ अंशु विनोद गुप्ता

पढ़िए होली को समर्पित यह रचनाएं :-


anshu vinod guptaअंशु विनोद गुप्ता जी एक गृहणी हैं। बचपन से इन्हें लिखने का शौक है। नृत्य, संगीत चित्रकला और लेखन सहित इन्हें अनेक कलाओं में अभिरुचि है। ये हिंदी में परास्नातक हैं। ये एक जानी-मानी वरिष्ठ कवियित्री और शायरा भी हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें गीत पल्लवी प्रमुख है।

इतना ही नहीं ये निःस्वार्थ भावना से साहित्य की सेवा में लगी हुयी हैं। जिसके तहत ये निःशुल्क साहित्य का ज्ञान सबको बाँट रही हैं। इन्हें भारतीय साहित्य ही नहीं अपितु जापानी साहित्य का भी भरपूर ज्ञान है। जापानी विधायें हाइकू, ताँका, चोका और सेदोका में ये पारंगत हैं।

‘ होली पर हिंदी गीत ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *