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हिंदी कविता : जिंदगी आज-कल
गमों के दौर में खुशियों की आहट भी बेमानी सी लगती है,
टूट जाएं जो सपने तो सच्चाई भी कहानी सी लगती है।
जिंदगी में हो तो हर तरफ खुशियां ही दिखती हैं
किसी की गुस्ताखी भी नादानी सी लगती है।
वक्त बहता रहता है नदी की तरह
छूट जाए जो किनारा तो लहर भी बेगानी सी लगती है।
छोड़ देते हैं जब भी जब साथ तन्हाई में
तो अपना कहने वाली दुनिया अनजानी लगती है।
कौन निभाता है किसी का साथ यहाँ उम्र भर,
फिर तो उनकी यादें भी इक निशानी सी लगती हैं।
होता वही है जो मुकद्दर में दर्ज हो
फिर भी न जाने क्यों ये परेशानी सी लगती है।
Zindagi AajKal
Gamo ke daur me khushiyo ki aahat bhi beimani si lagti hai,
Tut jaye sapne to sachhai bhi kahani si lagti hai.
Zindagi me to har taraf khushiyan hi dikhti hai,
Kisi ki gustakhi bhi nadani si lagti hai.
Waqt bahta rahta hai nadi ki tarah,
Chhut jaye jo kinara to lahare bhi begani si lagati hai.
Chhod dete hai sab bhi sath tanhai me,
To apna kahne wala duniya anjani si lagt hai.
Kaun nibhata hai kisi ka sath yha umra bhar,
Fir to unki yade bhi ek nishani si lagti hai.
Hoti wahi hai jo mukaddar me darj ho,
Fir bhi na jane kyu ye pareshani si lagti hai.
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