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हिंदी भाषा पर दोहे | Hindi Diwas Par Hindi Bhasha Ke 7 Best Dohe

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Hindi Bhasha Par Dohe हिंदी भाषा पर दोहे में बताया गया है कि हम हिन्दी के प्रति अपने मन से हीन भावना निकाल कर इसके विकास में अपना योगदान प्रदान करें। हिन्दी हमारे देश की सम्पर्क भाषा है जिसे सभी प्रान्तों में आसानी से बोला और समझा जाता है। आज विश्व में भी हिन्दी भाषा का तेजी से प्रसार हो रहा है। ऐसे में हमारा कर्त्तव्य है कि हम क्षेत्रवाद और प्रान्तीयता की भावना से ऊपर उठकर  हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने में सहयोग करें। तो आइये पढ़ते हैं हमारी मातृभाषा हिंदी को समर्पित हिंदी भाषा पर दोहे :-

Hindi Bhasha Par Dohe
हिंदी भाषा पर दोहे

हिंदी भाषा पर दोहे

पर – भाषा के धो रहे, हम हँस हँसकर पाँव।
पर निज भाषा के लिए, बची न घर में ठाँव।।

इक – दूजे पर टालते, जाए किसके पास।
बेटों के व्यवहार से, हिन्दी हुई उदास।।

केवल हिन्दी दिवस से, नहीं बनेगा कार्य।
हो हिन्दी में साल भर, कामकाज अनिवार्य।।

आया हिन्दी का दिवस, बुने प्रशंसा – छन्द।
लेना भी फिर बाद में, नाम हो गया बन्द।।

एक राष्ट्रभाषा रखे, बाँध राष्ट्र को एक।
तब हिन्दी का क्यों न हो, इस पद पर अभिषेक।।

हो हिन्दी की ज्वाल का, तब ही दीप्त भविष्य।
अपना भी इस यज्ञ में, जब कुछ डले हविष्य।।

हिन्दी के प्रति भावना, रहे न मन में हीन।
उच्चासन पर तब कहीं, होगी यह आसीन।।

” हिंदी भाषा पर दोहे ” ( Hindi Bhasha Par Dohe ) आपको कैसे लगे ? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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