Home » हास्य » हास्य कविता और शायरी » हास्य कविता बच्चों के लिए :- मुँह खोले जब सोया भालू | बाल हास्य कविता

हास्य कविता बच्चों के लिए :- मुँह खोले जब सोया भालू | बाल हास्य कविता

by ApratimGroup
3 minutes read

बचपन में जब कवितायेँ पढ़ाई जाती थीं तो हमें वो कविताएं पढ़ने में बहुत मजा आता था। जैसे-जैसे समय बीता तो यह बात समझ आई कि कुछ कविताएं सिर्फ इसलिए पढ़ाई जाती थीं ताकि हमें कुछ चीजें याद हो सकें। बस इसी तरह आदरणीय अंशु विनोद गुप्ता जी ने भी सब्जियों के नाम बच्चों को सरलता से याद करवाने के लिए लिखी है यह हास्य कविता बच्चों के लिए । तो आइये पढ़ते हैं कविता :-

हास्य कविता बच्चों के लिए

हास्य कविता बच्चों के लिए

मुँह खोले जब सोया भालू ।।
गले में अटका मोटा आलू ।।

आलू ने आवाज़ लगाई ।
झटपट लपकी भिंडी ताई ।।

ठुमक-ठुमक कर बैंगन आया ।
टिंडे को भी खूब भगाया ।।

घीया ,अरबी, गाजर तोरी ।
सबसे गोरी मूली छोरी ।।

अदरक,गोभी,मिर्च टमाटर ।
सबके सब दौड़े घबराकर ।।

पालक ने रस्ता बतलाया ।
कॉल लगा हाथी बुलवाया ।।

हाथी आया झूम-झामकर ।
सूंड बढ़ाई नाप तौलकर।।

भालू ने बदली जो करवट ।
मुड़ी सूंड बिचारी झटपट ।।

जोर लगा हाथी चिंघाड़ा।
मम्मी ने फ़िर कसकर झाड़ा ।।

मुन्ना राजा उठ जा बोलूँ।
मम्मी थोड़ा-सा मैं सोलूँ।।

सपने की थी चढ़ी खुमारी ।
ढूँढ़ रहा सब्ज़ी-तरकारी ।।

ताला-चाबी लेकर आया ।
होठों पर उसको लगवाया ।।

क्या कर पाएगा अब आलू ।
सोच-सोचकर सोया भालू ।।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की यह बाल हास्य कविताएँ :-


अंशु विनोद गुप्ता जी अंशु विनोद गुप्ता जी एक गृहणी हैं। बचपन से इन्हें लिखने का शौक है। नृत्य, संगीत चित्रकला और लेखन सहित इन्हें अनेक कलाओं में अभिरुचि है। ये हिंदी में परास्नातक हैं। ये एक जानी-मानी वरिष्ठ कवियित्री और शायरा भी हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें गीत पल्लवी प्रमुख है।

इतना ही नहीं ये निःस्वार्थ भावना से साहित्य की सेवा में लगी हुयी हैं। जिसके तहत ये निःशुल्क साहित्य का ज्ञान सबको बाँट रही हैं। इन्हें भारतीय साहित्य ही नहीं अपितु जापानी साहित्य का भी भरपूर ज्ञान है। जापानी विधायें हाइकू, ताँका, चोका और सेदोका में ये पारंगत हैं।

‘ हास्य कविता बच्चों के लिए ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

3 comments

Avatar
धीर जुलाई 3, 2022 - 9:55 पूर्वाह्न

हास्य कविता सच मुच बहुत अच्छी है पढ़कर अच्छा लगा। धन्यवाद

Reply
Avatar
yashika singh सितम्बर 2, 2021 - 12:00 अपराह्न

my sister is saying your poem are not hasya poem it's only normal

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 6, 2021 - 11:22 अपराह्न

Thanks Yashika, we will try to write a more funny poem ….

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.