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Guru Thoughts In Hindi ( गुरु पूर्णिमा पर अनमोल वचन ) –हमारे जीवन में गुरु का बहुत महत्त्व होता है। गुरु कोई एक व्यक्ति विशेष नहीं होता है। गुरु तो माँ भी है, पिता भी है और शिक्षक भी है। या यूँ कह सकते हैं कि जिससे भी हमें सीख मिले वह सब हमारे गुरु ही तो हैं। आइये जानते हैं गुरु को और नज़दीक से ” गुरु पूर्णिमा पर सुविचार ” में :-
Guru Thoughts In Hindi
गुरु पूर्णिमा पर सुविचार
1. जो ज्ञान दे वही गुरु है।
2. व्यक्ति के पहले गुरु माता-पिता होते हैं और दूसरे शिक्षक।
3. शिष्य सीख कर गुरु बनता है फिर वह दूसरे शिष्यों को सिखाता है।
4. गुरु में ‘गु’ शब्द का अर्थ है अंधकार (अज्ञान) और ‘रु’ शब्द का अर्थ है प्रकाश ज्ञान। इस प्रकार अज्ञान रुपी अंधकार को नष्ट करने वाला जो ब्रह्म रूप प्रकाश है, वह गुरु है।
5. असली गुरु वही होता है जिसके मन में चेले के कल्याण की इच्छा हो।
6. सच्चा गुरु अपने अज्ञानी शिष्य को ज्ञान से मूल्यवान बना देता है।
7. सच्चे गुरु जिसे अपना शिष्य मान लेते हैं, उसका उद्धार कर देते हैं। गुरुओं में ही शिष्य का उद्धार करने का सामर्थ्य होता है।
8. गुरु की प्रताड़ना पिता के प्यार से अच्छी होती है।
9. गुरुता में श्रेष्ठता गुणों से आती है, ऊंचे आसन से नहीं।
10. जिसने गोविन्द से मिला दिया वही सच्चा गुरु है।
11. जिस प्रकार कोई वर्षा का आनंद लेता है कोई इस से बचता है लेकिन वर्षा सभी के लिए होती है। उसी प्रकार गुरु का ज्ञान सभी के लिए बराबर होता है कोई उस ज्ञान का आनंद लेकर जीववं साफल बना लेता है कोई उस ज्ञान से दूर रह कर जीवन व्यर्थ कर लेता है।
12. बस गुरु बनाने से ही कल्याण नहीं होता है, बल्कि गुरु की बातें मानने से कल्याण होता है।
13. गुरु, संत और भगवान् भी तभी उद्धार करते हैं, जब मनुष्य स्वयं उन पर श्रद्धा-विश्वास करता है, उनको स्वीकार करता है, उनके सम्मुख होता है, उनकी आज्ञा का पालन करता है।
14. जब तक हमारी नीयत सही नहीं होती तब तक कोई गुरु और कोई भगवान हमारा कल्याण नहीं कर सकते।
15. भगवान जगत के गुरु हैं और हम भी जगत के भीतर ही हैं। इसलिए हम असली महान गुरु के शिष्य हैं।
16. जो गुरु अविद्या, असंयम, अनाचार, दुराचार आदि से मुक्ति दिलाता है वही गुरु नमस्कार योग्य है।
17. गुरु का महत्त्व क्या है इस बात से जाना जा सकता है कि स्वयं भगवान् को भी अवतार लेने बाद गुरु का आश्रय ग्रहण करना पड़ा था।
18. यदि गुरु नकली होगा तो शिष्य भी उसकी तरह नकली और भटके हुए होंगे।
19. गुरु के मौन में भी उपदेश होता है।
20. गुरु के वाल अपने विचारों से ही नहीं बल्कि अपनी जीवन शैली द्वारा भी शिक्षा देता है।
21. गुरु का बिम्ब ही समाज का प्रतिबिम्ब होता है।
22. किसी विषय में हमें जिससे ज्ञानरूपी प्रकाश मिले, हमारा अज्ञानान्धकार दूर हो, उस विषय में वह हमारा गुरु है।
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धन्यवाद।
2 comments
प्रणाम महोदय
मेरा नाम सुंदर सिंह हैं और मैं आपकी रचनाओं का प्रशंसक हूं , मैं स्वयं भी कविता रचना करता हूं किंतु अभी नौसिखिया ही हूं , मैं आपकी रचनाओं को क्या आपका लिंक और क्रेडिट देकर अपने चैनल पर अपलोड कर सता हूं ,मेरा चैनल फ्री चैनल है जिसमे किसी तरह से कोई monetary earning नहीं होती अन्यथा मैं आपको अर्निंग में से शेयर भी दे देता ,आपके प्रत्युत्तर का आकांक्षी
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