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एक कविता शब्द पर:- शब्दों का जीवन में महत्व | Shabd Kavita

by Chandan Bais
2 minutes read

एक कविता शब्द पर

एक कविता शब्द पर

नमस्कार, दोस्तों, क्या आपने कभी गौर किया है, की हमारी जिंदगी के गाड़ी को चलते रहने के लिए एक महत्वपूर्ण चीज क्या है? एक महत्वपूर्ण चीज जो हमें अन्य जीवो से अलग करता है? नही? वो चीज है “भाषा”। और भाषा बनती है शब्दों से।

हमें जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए, सफलताओ को प्राप्त करने के लिए, सीखने और सिखाने के लिए, और वो अन्य सभी काम करने के लिए, जो किसी दुसरे से सम्बंधित होता है, उसके लिए हमें विचारो का आदान-प्रदान करने की जरुरत होती है। जो होती है शब्दों के रूप में। शब्द ही है जो इंसानों के जिंदगी में हर खेल करता है।

यहाँ तक की हम जो भावनाए महसूस करते है उसमे से अधिकतर खुद के या दूसरों के शब्दों का ही प्रतिक्रिया होता है। चलो मै आपसे एक सवाल पूछता हूँ, अगर शब्दों को इंसानों की दुनियां से पूरी तरह हटा लिया जाये(चाहे वो किसी भाषा के हो, क्योकि हर भाषा शब्दों से ही बने है) तो हम इंसानों की दुनिया कैसी हो जाएगी? सोचिये… तब तक आप पढ़िए एक कविता शब्द पर जो मैंने शब्द के ऊपर लिखा है।

वो मेरे शब्द ही थे
जिसने मुझे रुलाया,
वो मेरे शब्द ही थे
जिसने मुझे हंसाया,
मुझे गर्तो में ले जाने वाला
शब्द ही है,
मुझे शिखरो पर चढ़ाने वाला भी
शब्द ही है,
मेरे रिश्ते जोड़े शब्दों ने
मेरे रिश्ते तोड़े शब्दों ने।

शब्द है भाषाओ में
शब्द है भावनाओ में,
मुझे दूसरों से जोड़े
वो मेरे शब्द है,
मुझे मेरे मन से जोड़े
वो भी मेरे शब्द है,
शब्द पिता से आशीर्वाद दिलाता
शब्द ही माँ से प्यार,
शब्दों से बहन को सताया
शब्दों से बने यारो का यार।

शिक्षा का आरम्भ हुआ शब्दों से
अंत भी लिखना है शब्दों से,
धन दौलत हो या रिश्ता बढ़िया
कुछ भी पा जाये शब्दों से,
शब्दों से बुद्धिमत्ता दिखती
शब्दों से लोगो का व्यवहार,
शब्दों से रिश्ते बनते
शब्दों से ही बढे व्यापार।

बोलने से पहले
जरा संभल जा ऐ मेरे मुख
निकले शब्द ना वापस आने वाले,
तू भी संभल जा
सोचने से पहले ऐ मेरे मन
भावनाओ के शब्द
हो सकते है तड़पाने वाले,
शब्द हो चाहे भाषाओ का
या मन के  विचारो जैसा
नाप तौल के ही शब्द बोलिए
क्या हड़बड़ी, और जल्दी कैसा,
शब्दों का ये खेल कैसा
कोई ताकतवर ना इसके जैसा।

।।इति शब्द समाप्तम्।।

तो ये थी एक छोटी सी कविता मेरे तरफ से। उम्मीद है अबतक आप लोगो ने उस सवाल का जवाब ढूंढ लिए होंगे। हमें बताये अपने जवाब कमेंट में। अगर आप किसी आर्टिकल या कविता के रूप में जवाब देते है तो हम उसे यहाँ आपके नाम से प्रकाशित करेंगे। तबतक बने रहिये हमारे साथ।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की ये बेहतरीन रचनाएं :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

23 comments

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Rani Sharma दिसम्बर 24, 2022 - 5:31 अपराह्न

Ati sundar 🙏

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Sangeeta Swarup फ़रवरी 7, 2022 - 8:19 अपराह्न

बेहतरीन लिखा । शब्द हैं जो दूसरों को अपना बना लेते हैं और ये शब्द ही अपनों को पराया भी कर देते हैं।।

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दिव्या अग्रवाल फ़रवरी 5, 2022 - 2:34 अपराह्न

<i><B> आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 07 फरवरी 2022 को साझा की गयी है…. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा….धन्यवाद! </B></i>

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Prof.Anjuman Ara फ़रवरी 12, 2023 - 10:12 अपराह्न

शब्दों पर लिखी गई आपकी कविता बहुत अच्छी लगी । शुक्रिया। आपकी लेखनी निरंतर चलती रहे । आमीन ।

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Deepa Sharma (दीप भारती) मार्च 20, 2021 - 2:27 अपराह्न

शब्द पर इतनी सुन्दर रचना की है आपने की मैं शब्दों में बता नहीं सकती क्योंकि शब्द को परिभाषित करते हुए आपने निरुत्तर कर दिया है हमे, एक शब्द जो पहली बार मुख से सुनने के लिए माँ भी बेचैन रहती है और वो शाद ही है जो माँ को हमेशा याद रहता है और फिर शब्दों के ही अपने द्वारा बुने जाल में ऐसे फंसते चले जाते हैं कि समझ ही नहीं पाते कि हर समस्या की जड़ भी शब्द ही हैं ????????????????????

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Chandan Bais
Chandan Bais मार्च 23, 2021 - 4:40 अपराह्न

धन्यवाद दीपा जी,
आपने बिलकुल सही कहा।

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Khushi pundir मई 5, 2020 - 10:44 अपराह्न

शब्द पर ऐसी कविता। शायद ही मैंने कभी सुनी होगी……..धन्यवाद।

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Chandan Bais
Chandan Bais मई 7, 2020 - 1:25 अपराह्न

धन्यवाद ख़ुशी जी.!

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BINDRA A. K. मार्च 24, 2020 - 8:09 पूर्वाह्न

शब्द की इतनी सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ!

"शब्द" बोले जो आप ने,
मतलब ज़माना अपने हिसाब से
निकालेगा!
आप जिन्दगी में सोने भी बन जाओ,
ज़माना जगाल लगा के दिखला देगा!
शब्द सोचिए फिर बोलिए।

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Chandan Bais
Chandan Bais मई 7, 2020 - 1:27 अपराह्न

क्या बात है.. धन्यवाद बिंद्रा जी

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एल पी चौहान जुलाई 18, 2019 - 9:40 पूर्वाह्न

आदरणीय सर जी अपने जो शब्दो की व्यंजना की हैं। वह बहुत ही अदभुत हैं।प्रणाम

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Chandan Bais
Chandan Bais जुलाई 19, 2019 - 2:16 अपराह्न

धन्यवाद, एल पी चौहान जी

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Renu singhal जुलाई 1, 2017 - 6:35 अपराह्न

सूंदर अभिव्यक्ति ।
कभी -कभी काँटों की चुभन से भी गहरा होता है जख्म शब्दों के शूल का ।
काँटों से मिला जख्म तो एक दिन भर ही जाता है
मगर शब्दों के शूल से दीये जख्म तो जिंदगी भर की चुभन दे जाते हैं।।

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Chandan Bais
Chandan Bais जुलाई 1, 2017 - 6:56 अपराह्न

धन्यवाद रेनू सिंघल जी,
आपने भी बिलकुल सही फ़रमाया है..
शब्द या तो रिश्तों को महका सकते है
या फिर काँटों की चुभन सा तडपा सकते है,
शब्दों में बहुत ताकत होती है,
कभी कभी ये बढ़ते कदम को भी डगमगा सकते है….

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narad kumar नवम्बर 4, 2017 - 2:51 पूर्वाह्न

Nice chandan Bais g

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Harjinder Kumar जून 20, 2017 - 7:20 अपराह्न

very nice website i love it

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Chandan Bais
Chandan Bais जून 20, 2017 - 8:09 अपराह्न

धन्यवाद हरजिंदर कुमार जी..

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दिगंबर जून 19, 2017 - 12:01 अपराह्न

शब्द की महिमा को बाखूबी बयान करते शब्द …
शब्द ही माध्यम हैं अभिव्यक्ति के …

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Chandan Bais
Chandan Bais जून 19, 2017 - 12:30 अपराह्न

धन्यवाद, दिगंबर सर…

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dhruv जून 19, 2017 - 12:36 पूर्वाह्न

वाह ! ,बेजोड़ पंक्तियाँ ,सुन्दर अभिव्यक्ति ,आभार। "एकलव्य"

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Chandan Bais
Chandan Bais जून 19, 2017 - 11:18 पूर्वाह्न

धन्यवाद ध्रुव जी.. :-)

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Sudha devrani जून 17, 2017 - 11:02 अपराह्न

बहुत सुन्दर….
शब्दों का महत्व….

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Chandan Bais
Chandan Bais जून 18, 2017 - 7:15 पूर्वाह्न

धन्यवाद सुधा देवरानी जी, :-)

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