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देवों में सबसे पहले पूजनीय भगवान् शंकर और माता पार्वती के लाडले पुत्र भगवान श्री गणेश, जिनका नाम हर काम के शुरुआत में लिया जाता है। उनकी कृपा सदा ही हम पर बनी रहती है और इसी कारण हम सफलता की बढ़ रहे हैं। यूँ तो हम उनका नाम लेते रहते हैं लेकिन आज कोशिश की है उनकी स्तुति को शब्दों में प्रस्तुत करने की एक भजन के जरिये। तो आइये पढ़ते हैं भगवान गणेश की स्तुति को शब्दों में प्रस्तुत करता भगवान श्री गणेश जी का भजन :-
भगवान श्री गणेश जी का भजन
फूल चढ़ाऊँ नित चरणों में तेरे
दूर करो सब संकट अब तुम प्रभु मेरे,
दुनिया से न कोई मोह है मुझको
खुश करना चाहूँ अपनी भक्ति से तुझको,
बस्ते हो हृदय में बस तुम एक दाता
जहाँ भी निहारूँ बस तुमको ही पाता,
शंकर सुत गणपति उमा के प्यारे
बिगड़े हुए सबके काज सँवारे,
भक्तों को अपने रिद्धि सिद्धि देते
कष्ट उनके प्रभु सब हर लेते,
देवों में पहले हो तुम पूजे जाते
सोए हुए सबके भाग्य जगाते,
महिमा तेरी से न अनजान कोई
तेरी कृपा से जागे किस्मत जो सोई,
तेरा ही गुणगान दिन रात गाऊँ
हर क्षण बस तुझको ही मैं प्रभु ध्याऊँ,
करदो प्रकाश अब जीवन में मेरे
दूर करो संशय के सारे अंधेरे,
फूल चढ़ाऊँ नित चरणों में तेरे
दूर करो सब संकट अब तुम प्रभु मेरे।
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