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महादेव पर कविता | भगवान शिव शंकर भोलेनाथ पर कविता | Mahadev Poetry

by Sandeep Kumar Singh
1 minutes read

भगवन शिव शंकर की महिमा बहुत अनन्त है। वो कालों के काल महाकाल हैं। उनकी शरण में जो जाता है वो कभी भी दुखी नहीं होता। उन्हें भोले भी कहा जाता है क्योंकि वो भक्तों की भक्ति से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें मन चाहा वरदान देते हैं। तो आइये हम भी उन्हीं प्रभु का गुणगान कर अपना जीवन धन्य करें महादेव पर कविता पढ़ कर :-

महादेव पर कविता

महादेव पर कविता

कर में त्रिशूल जटा में गंगा
कंठ में विष का प्याला है,
जो चाहे तुम मांग लो इस से
मेरा शिव बड़ा भोला भाला है।

सब कालों का काल ये है
सबसे बड़ा महाकाल ये है
संकट जब भी कोई आये
बनते मेरी ढाल ये हैं,
बुरी बालाओं के साए को
सदा इन्होंने टाला है
जो चाहे तुम मांग लो इस से
मेरा शिव बड़ा भोला भाला है।

इनकी शरण में जो भी जाए
होता उसका उद्धार
पापी अगर लांघे सीमा
उसका करते संहार,
जहाँ भी इनका ध्यान करो
वही स्थान शिवाला है
जो चाहे तुम मांग लो इस से
मेरा शिव बड़ा भोला भाला है।

भस्म रमाये तन पर
नंदी इनकी सवारी हैं
कहते हैं इनको शिव शंकर
कहते इनको त्रिपुरारी हैं,
नेत्र तीन हैं प्रभु के मेरे
गले में सर्पों की माला है
जो चाहे तुम मांग लो इस से
मेरा शिव बड़ा भोला भाला है।

कृपा जो इनकी बनी रहे
भक्त न फिर कोई कष्ट सहे
ध्यान रहे जब शिव में सदा
घर में खुशियों की नदी बहे,
इन की कृपा से ही तो सबके
जीवन में रहता उजाला है
जो चाहे तुम मांग लो इस से
मेरा शिव बड़ा भोला भला है।

कर में त्रिशूल जटा में गंगा
कंठ में विष का प्याला है,
जो चाहे तुम मांग लो इस से
मेरा शिव बड़ा भोला भाला है।

पढ़िए :- कृष्ण सुदामा मिलन पर कविता



महादेव पर कविता आपको कैसी लगी? अपने विचार हम तक अवश्य पहुंचाएं।

धन्यवाद।

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