Home » हिंदी कविता संग्रह » देशभक्ति कविताएँ » भगत सिंह पर कविता :- मेरा रंग दे बसंती चोला | देशभक्ति पर आधारित कविता

भगत सिंह पर कविता :- मेरा रंग दे बसंती चोला | देशभक्ति पर आधारित कविता

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

भगत सिंह, एक ऐसा देश भक्त जिसने अपने देश की आजादी के लिए अपना परिवार, अपना घर और अपना तक त्याग दिया। फिर भी कभी भी वह अंग्रेजों के सामने झुका नहीं। फांसी पर चढ़ते समय भी उन्होंने ने अंग्रेजों को खुद को हाथ नहीं लगाने दिया और फांसी का फंदा बिना किसी डर के अपने गले से लगाया। ये कविता 28 सितंबर 1907 को जन्मे भारत के सच्चे शहीद देशभक्त भगत सिंह को समर्पित है। आइये पढ़ते हैं भगत सिंह पर कविता :-

भगत सिंह पर कविता

भगत सिंह पर कविता

फांसी पर हंस कर झूला वो
मस्तानों का टोला,
मुंह पर बस यह बोल थे
मेरा रंग दे बसंती चोला।

बचपन से दिल में पलती रही थीं
देशभक्ति की बातें
देश के नाम ही दिन थे उसके
देश के नाम ही रातें,
रगों में लहू न बहता था
बहता था, देशभक्ति का शोला
मुंह पर बस यह बोल थे
मेरा रंग दे बसंती चोला।

देश की आज़ादी की खातिर
जद्दो-जहद थी जारी
अंग्रेजों ने कर दी थी
सन 1919 में गद्दारी,
जलियांवाला बाग़ देखकर
था खून फिर उनका खौला
मुंह पर बस यह बोल थे
मेरा रंग दे बसंती चोला।

सरेआम ही अंग्रेजों को
उसने फिर ललकारा था
अंग्रेजी अफसर सांडर्स को
बीच सड़क पर मारा था,
इंकलाब का नारा तब
सरे हिंदुस्तान ने बोला
मुंह पर बस यह बोल थे
मेरा रंग दे बसंती चोला।

मगर खुले न कान तो
बम असेंबली में फेंका था
भारत माता के पूतों का
जलवा अंग्रेजों ने देखा था,
नारे लगता खड़ा रहा वह
न अपने स्थान से डोला
मुंह पर बस यह बोल थे
मेरा रंग दे बसंती चोला।

आवाज सुनी न फिर भी क्योंकि
वो सर्कार तो बहरी थी
गवाह भी उनके, वकील भी उनके
उनकी ही तो कचहरी थी
फांसी के आदेश ने जन-जन में
क्रांति का रस था घोला
मुंह पर बस यह बोल थे
मेरा रंग दे बसंती चोला।

फांसी पर हंस कर झूला वो
मस्तानों का टोला,
मुंह पर बस यह बोल थे
मेरा रंग दे बसंती चोला।

देश भक्ति से ओत प्रोत भगत सिंह पर कविता आपको कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

पढ़िए भारत के देशभक्तों के जीवन से ये कहानियां :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

3 comments

Avatar
Dk सितम्बर 24, 2021 - 12:46 अपराह्न

बहुत बहुत धन्यवाद अमर शहीद लोगो की सोच और कर्म पर ,

Reply
Avatar
रेनू सिंघल सितम्बर 28, 2018 - 10:34 पूर्वाह्न

सुन्दर कविता देश भक्ति से ओत प्रोत भगत सिंह पर

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 28, 2018 - 10:25 अपराह्न

धन्यवाद रेनू जी…..

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.