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बेवफा शायरी :- बेवफा और बेवफाई का शायरी संग्रह | Bewafa Shayari Sangrah

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

बेवफाई को समर्पित बेवफा शायरी :-

 

बेवफा शायरी

बेवफा शायरी

1.
कभी कोई मजबूरी भी बदल देती है
फितरत इक इंसान की,
जरूरी नहीं कि हर बिछड़ने वाला
बेवफा हो।

2.
चलो मान लिया कि हम बेवफा थे
और हमने बेवफाई की,
बस इतना बता दे कि
तू इतना बदनाम क्यों है?

3.
हमने मोहब्बत भी की तो
वो भी वफ़ादारी से की थी,
अब कोई उन्हें बेवफा कहे
ये हमें बर्दाश्त नहीं।

4.
उसके इश्क में बर्बाद होने की
ख्वाहिश थी मेरी वर्ना,
वो बेवफा है इसका इल्म
हमें इक अरसे से था।

5.
बीच मझधार में छोड़ा था मेरा साथ उस बेवफा ने,
वक़्त का करिश्मा कुछ ऐसा हुआ कि
वो डूबे और हम पार हो गए।

6.
तोड़ दी हर उम्मीद मेरी
साथ छोड़ मुझे तनहा कर दिया,
जान से भी प्यारा समझते थे जिनको
उनका नाम आज बेवफा कर दिया।

7.
चला गया है दूर वो मेरी जिंदगी से मगर
उसका कहा हर लफ्ज़ मुझे आज भी सुनाई देता है,
हर शख्स जानता है फितरत उसकी कि वो बेवफा है
फिर भी ये दिल उसे पाने की दुहाई देता है।

8.
हमें जिंदगी में जो ये दर्द मिला है
इक बेवफा से दिल लगाने का सिला है,
जख्म बदन पे मिलते तो सह लेते
चोट रूह ने खायी है बस यही गिला है।


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9.
वो बेवफा हम पर हर पल सितम करते रहे
हम ख़ामोशी से हर दर्द सहते रहे
इन्तेहाँ ये हुयी कि तनहा छोड़ गए हमें
मगर ये इश्क था कि अश्क मेरी आँखों से बहते रहे।

10.
हुस्न का मेरे कभी तू दीदार तो कर
इश्क है तो इश्क का इजहार तो कर,
न देंगे तुझे हम तखल्लुस बेवफा का
गर तू वफादार है तो प्यार तो कर।

11.
हमने हर गुनाह माफ़ कर दिया उसकी बेवफाई का,
इश्क झूठा ही सही उसने पूरे किरदार से किया था।

12.
वो बेवफा नहीं बस हालातों की मजबूरी थी
दिल तो एक ही थे बस जिस्मों की ही दूरी थी,
तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें अलग न कर पाया ज़माना
मुकम्मल हो गए थे दोनों कोई बात न अधूरी थी।

13.
जो प्यार है तुझे मुझसे तो इश्क का इक जाम तो दे,
गर मुकम्मल कर दिया है मैंने तुझे तो मुझे मेरा इनाम तो दे,
सुना है हमने कि बेवफा है तू फिर भी
हम तेरे गुनाहगार बनने को तैयार हैं,
सजा काट लेंगे हम जो भी तुझे मंजूर हो
लेकिन पहले कोई इल्जाम तो दे।

14.
तुझे खुशियाँ भी न मिले, तुझे मौत भी न आये,
मेरी जिंदगी में तू कभी लौट भी ना आये,
तेरे नाम से भी ए-बेवफा नफरत सी हो गयी है मुझे
भटकता रहे तू अंधेरों में, तेरी जिंदगी में कोई जोत भी ना आये।

जोत – रौशनी

15.
दिलों से खेलने का हुनर बाखूबी सिखा दिया तूने,
मुझको भी ए-बेवफा, बेवफा बना दिया तूने।

16.
जब से सुना है ज़माने में फैली बेवफाई  है,
तब से हमने यारों इक तरफ़ा मोहब्बत आजमाई है,
न उसे खबर है न शक ही है कोई,
न ही कोई धोखा है और न ही कोई रुसवाई है।

17.
अपना वजूद बना लो फिर ये साथ चल देती है,
जिन्दी बेवफा है किसी गरीब की नहीं होती।

18.
जाने क्यों लौट आता है मेरी जिंदगी में वो शख्स हर दफा,
जिसके लिए इश्क फरेब है और हम है बेवफा।

19.
मोहब्बत बेवफा है ये किसी की न हुयी,
जान से गया वो जिस-जिस को हुयी।

20.
समझ मेरे हालात को कि तुझसे ये फ़रियाद है,
न धोखा दिया न मैं बेवफा हूँ तेरे ये इल्जाम बेबुनियाद हैं।

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धन्यवाद

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2 comments

Avatar
janardan Dixit अप्रैल 29, 2017 - 10:57 अपराह्न

बहुत सुंदर पंक्तिया

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 30, 2017 - 7:46 पूर्वाह्न

धन्यवाद janardan Dixit जी।

Reply

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