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आज पूरे विश्व में बेटियां अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं। एक समय था जब ऐसा माना जाता था कि बेटियों को बस घर का काम करना चाहिए। घर से बाहर के काम लड़कों के होते हैं। आज यह बात पूरी तरह झूठ साबित होती है। आइए पढ़ते हैं बेटियों को समर्पित है यह बेटी पर दोहे :-
बेटी पर दोहे
बेटा-बेटी एक से, दो इनको सम्मान।
धर्म ग्रन्थ सरे यही, देते हमको ज्ञान।।
अंतिम जीवन छोर जब, पुत्र छोड़ते साथ।
अपनापन देकर तभी, पुत्री थामे हाथ।।
समय आ गया लो सभी, अपनी सोच सुधार।
आज के युग की बेटियाँ, होती श्रवण कुमार।।
घर से निकले न कभी, बाहर जिसके पैर।
आज वो बेटी कर रही, अंतरिक्ष की सैर।।
पढ़े-लिखों के बीच में, होता वह अज्ञान।
बेटा-बेटी में करे, अंतर जो इन्सान।।
बिन जिनके संभव नहीं, करे जगत विस्तार।
होती हैं वह बेटियां, जीवन का आधार।।
बेटा-बेटी को मिले, अवसार एक सामान।
सही मायनों में तभी, भारत बने महान।।
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धन्यवाद।
1 comment
Bete aur beti pr aapke ye dohe bahut hi sunder hai ….