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14 नवम्बर, बाल दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है। यह वह दिन है जो बच्चों को समर्पित है। ये कविता बच्चों की तरफ से देश के हर वर्ग को एक प्रार्थना है कि उन्हें आने वाले कल के लिए तैयार किया जाए। उन्हें अनदेखा न कर उनका साथ दिया जाए जिस से आने वाले समय में हमारा देश तरक्की की राह पर सफलता पूर्वक चल सके। तो आइये पढ़ते हैं बाल दिवस पर कविता :-
बाल दिवस पर कविता
हम भारत के बच्चे हैं, इस देश का आने वाला कल,
हम ही वो ताकत हैं, जो देश की हालत सकते हैं बदल।
ये देश हमारी मिट्टी है, है संस्कार हमारा पोषण,
हम ही हैं वो बीज, जो बनेंगे कल की फसल,
हम ही वो ताकत हैं…….
देश बढेगा जब भी आगे, तो समस्याएँ भी आएँगी,
सुलझाएंगे हम उनको, बनेंगे हम उनका हल,
हम ही वो ताकत हैं…….
शोषण मत तुम करो हमारा, हक की हमारे शिक्षा दो,
हिम्मत रखो मीठा होगा, हम ही तो हैं सबर के फल,
हम ही वो ताकत हैं…….
प्रगति के पथ पर सबको हम, सहर्ष ही लेकर जायेंगे,
भगत सिंह, आज़ाद हैं हम, हम ही कलाम हैं और अटल,
हम ही वो ताकत हैं…….
दुश्मन जो आँख उठाएगा, सरहद पर मारा जाएगा,
सुरक्षा जो कर सके वतन की, हम ही हनी वो देश का बल,
हम ही वो ताकत हैं…….
मानव सेवा की मन में भावना, तन से सच्चे कर्म अक्रेंगे
भूखे को हम देंगे भोजन, बनेंगे हम बेसहारों का संबल,
हम ही वो ताकत हैं…….
हम भारत के बच्चे हैं, इस देश का आने वाला कल,
हम ही वो ताकत हैं, जो देश की हालत सकते हैं बदल।
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