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Badi Soch Ka Bada Jadu अच्छी नौकरी, ज्यादा कमाई, प्रभावशाली व्यक्तित्व, मधुर सम्बन्ध, आर्थिक सुरक्षा, खुशहाल जीवन ये सब किसे नही चाहिए? शायद आपको भी इनमे से कुछ या सारी चीजों की चाह होगी। और आप वो सब पा भी सकते है। आपको बस एक काम करना है। अपनी सोच का आकार बढ़ा लीजिये। फिर देखिये “बड़ी सोच का बड़ा जादू”।
Badi Soch Ka Bada Jadu
बड़ी सोच का बड़ा जादू
आखिर क्या कारण है की, कुछ लोग सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते ही जाते है। जबकि कुछ लोग वही के वही अटके रह जाते है। कुछ लोग ऐसे होते है जो कम मेहनत में बड़ी आसानी से आगे बढ़ते जाते है। और कुछ लोग भारी मेहनत करके भी घसीटते रहते है।
कभी-कभी तो बहुत ज्यादा पढ़ा-लिखा और होशियार आदमी भी उस कम पढ़े-लिखे और कम होशियार आदमी से पिछड़ जाता है। कहीं आपके साथ भी तो ऐसा नहीं हो रहा? क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? चलिए इस किस्से पर ध्यान देते है,
कुछ सालों पहले एक सेल्स कंपनी का बेहद महत्वपूर्ण मीटिंग चल रही थी। कंपनी का वाईस प्रेसिडेंट और उसका नंबर वन सेल्समेन मंच पर बैठे थे। जो दिखने में तो बिलकुल साधारण था, लेकिन अभी ख़त्म हुए साल में उसने कंपनी के बाकि सारे सेल्समेनों से पाँच गुना ज्यादा कमाई की थी।
वाईस प्रेसिडेंट ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा “मैं चाहता हूँ कि आप सब हैरी की तरफ ध्यान से देखें। आखिर हैरी में ऐसा क्या है जो आप सब में नहीं है? हैरी ने औसत से पाँच गुना ज्यादा कमाई की है। परन्तु क्या हैरी आप सबसे पाँच गुना ज्यादा स्मार्ट है? हमारे परिक्षण के हिसाब से वो आप लोगों जितने ही स्मार्ट है। क्या उसने आप लोगों से पांच गुना ज्यादा मेहनत की है? नहीं की है, वास्तव में उसने आप लोगों से ज्यादा दिन छुट्टियों में बिताये हैं।
क्या उसका इलाका बढ़िया था? क्या वो आप लोगों से ज्यादा शिक्षित है? क्या उसका स्वास्थ्य ज्यादा अच्छा था? बिलकुल भी नहीं। हैरी बिलकुल वैसा ही औसत इन्सान है, जैसा की आप सब। परन्तु उसमें और आप में एक फर्क है जिसके कारन हैरी आपसे ज्यादा सफल हो पाया है।”
वाईस प्रेसिडेंट ने फिर कहा “हैरी की सोच आप लोगों से पाँच गुना ज्यादा बड़ी है। फिर उसने बताया की इन्सान की सफलता का संबंध उसने दिमाग के आकार से नहीं बल्कि उनकी सोच के आकार से होता है।”
डेविड जे. श्वार्ट्ज जोकि बड़ी सोच का बड़ा जादू किताब के लेखक है, उनके अनुसार इंसान की सफलता उसकी सोच पर निर्भर करती है। जितना बड़ा आप सोच सकते है उतनी ही बड़ी सफलता आपको मिल सकती है।
बड़ी सोच का बड़ा जादू :
पूरे ब्रह्माण्ड में आप केवल एक ही चीज पर पूरी तरह नियंत्रण कर सकते हैं। वो है, आपकी सोच। किसी परिस्थिति में क्या सोचना है ये आप पर निर्भर करता है। और उस सोच के कारन ही आपकी भावनाओं पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पैदा होता है। आपके यही विचार और भावनाएँ इस बात को तय करती है कि, आपका अगला कदम क्या होगा? और उसके अनुरूप ही आपको परिणाम मिलते हैं। इन सबकी शुरुआत आपकी सोच से होती है।
जितनी बड़ी सोच होगी उतनी बड़ी हमारी सफलता और उतनी ही खुशियों से भरी हमारी जिंदगी होगी। एक संक्षिप्त नजर इस पर डाल लेते हैं कि बड़ी सोच से हम क्या-क्या प्राप्त कर सकते है।
- हमें अपने आप पर विश्वास हो जाता है और अपने लक्ष्यों और सफलताओं पर भी विश्वास करना हम सीख जाते है।
- लक्ष्यों पर विश्वास करके लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है।
- किसी भी क्षेत्र में जिसमे हम सफलता चाहते हैं, वहाँ सफलता प्राप्त कर सकते है।
- चोटी में अपनी जगह बना सकते है।
- अधिक पैसे कमा कर अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते है।
- समाज में एक ऊँचे स्तर में जाके एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन सकते है।
- लोगो, मित्रो, रिश्तेदारों और परिवार में सम्बन्ध मधुर बना सकते है।
- जीवनसाथी से प्रेमपूर्ण और ईमानदारी पूर्ण रिश्ता कायम रख पाते है।
- अच्छी सेहत और स्वास्थ पा सकते है।
- जीवन में खुशहाली ला सकते है।
- रचनातत्मक बन के अपनी हुनर निखार सकते है।
- कर्मठ और लीडर बन सकते है।
- हार को जीत में बदल सकते है।
और भी बहुत कुछ हम पा सकते है। जब हम अपनी सोच को बढ़ा देते है, तो एक बड़े दायरे में और ज्यादा प्रभावी तरीके से हम सोचने लगते है। भगवान बुद्ध ने कहा था “आज आप जो है, वो अपने कल के विचारों और निर्णयों के कारण हैं। और कल जो होंगे वो आज के विचारों और निर्णयों के अनुरूप होंगे।” विचार ही सोच है। और विचारों से ही इन्सान निर्णय लेता है। इसलिए ये बात तो सिद्ध है की हम सफलता या असफलता अपने सोच के कारण पाते है।
आखिर ये बड़ी सोच है क्या?
शायद कुछ लोग यहाँ पर ये सवाल कर सकते हैं की ये बड़ी सोच क्या बला है? सच में..! सबके दिमाग का आकार सामान होता है। लोग अपनी शिक्षा, अनुभव, जरूरत और माहौल इन सबसे प्रेरित होकर सोचता है। तो फिर बड़े और छोटे का क्या सवाल?
बेशक लोगों के सोच में अंतर होता है। उनके शिक्षा, अनुभव, माहौल और जरूरते भले ही उनकी सोच पर प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी इन्सान की सोच का आकार अलग-अलग होता है। इंसान के सोचने के तरीके के हिसाब से हम लोगों को दो वर्गों में बाँट सकते हैं :-
पहले वर्ग में वो लोग आते है, जो भीड़ में शामिल रहते हैं ज्यादातर वक़्त वो शिकायतें करते रहते हैं। सफलता से ज्यादा असफलता के बारे में सोचते हैं। उन्हें कुछ भी नया काम करने से डर लगता है। वो लोग रास्ते में आने वाली बाधाओं और मुश्किलों के बारे में ही सोचते हैं और घबरा जाते हैं। कोई बड़ा सपना नहीं देखते। ना ही कोई बड़ा काम शुरू करते हैं। वो लोग जैसा है वैसा ही चलने देते हैं। परिवर्तन या सुधार का प्रयास नहीं करते। छोटी-छोटी बातों को दिल पे ले लेते हैं। बस अपनी योजन कम उंचाई तक, और जहाँ तक नुकसान ना हो, वहीं तक बनाते हैं। अपने आप को भीड़ में रखना चाहते हैं और “लोग क्या कहेंगे” वाली बाते बोलते हैं।
दूसरे वर्ग में वे लोग आते है, जो हर काम और चीजों के बारे में रचनात्मक तरीके से सोचते है। बड़े सपने रखते हैं, और उन पर विश्वास रखते है। और उन सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ चलते है। ऐसे लोग शिकायतों और असफलताओ के विचारो से दूर रहते है। और सिर्फ सफलता के बारे में सोचते है। अपने सपनो और रास्तो में आने वाली बाधाओ और मुश्किलों के बारे में नही सोचते। और उनको पार करते हुए आगे बढ़ जाते है। अपनी सोच को छोटी-छोटी बाते से ऊपर रखते है। ऐसे लोगो की सोच बड़ी होती है। जो भीड़ से अलग और ऊपर होता है।
आप इनमे से कौन से वर्ग में आते है? अगर आप दुसरे वाले वर्ग में आते है, तो आप बेशक बड़ी सोच के जादू से परिचित होंगे। लेकिन अगर आप पहले वाले वर्ग में है तो बहुत हद तक आप अपनी जिंदगी को बदलना चाहते होंगे।
बड़ी सोच वाले लोग बहुत कम क्यों है?
अगर जिंदगी में सफलता और खुशियाँ बस बड़ी सोच रखने से मिल सकती है तो दुनिया में असफल लोगों की तादाद क्यों ज्यादा है? हर कोई अपनी सोच बदल के कामयाब और आनंदपूर्ण जिंदगी क्यों नहीं पा लेता?
इन सवालों के जवाब के लिए हम इस एक वाक्य पर विचार कर सकते हैं, “हम जैसा सोचते हैं, वैसा बन जाते हैं”। और हमारी सोच हमारे माहोल के हिसाब से काम करता है, जबतक की हम स्वयं से उस पर नियंत्रण ना करें।
हमारा समाज और हमारे आसपास का माहोल हमें पीछे धकेलने वाला होता है। यहाँ तक की हमारे परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों में से अधिकतर लोग भी हमें हर बात पे टोका करते है। हम जबसे पैदा हुए है, तब से लेके लगातार कितने ही नकारात्मक बाते सुनते है। “तुम यह नही कर पाओगे, तुमसे नही होगा, वही करो जो सब करते है, यह काम मुश्किल है या असंभव है, तुम कुछ भी काम ठीक से नही कर सकते। ” ऐसे कितने ही बाते हम हमेशा सुनते आ रहे है जिससे अक्सर लोगो की आत्म-छवि ऐसा बन जाती है की वो कुछ बड़ा सोचता ही नही, इसीलिए इन्सान सोचता है की जैसा सब लोग जिंदगी बिता रहे है हमें भी बिताना चाहिए।
रोकने वाले और टोकने वाले बहुत है यहाँ। अधिकतर लोगों को किसी की सफलता देखना पसंद नही है। हमारी सोच और हमारा व्यक्तित्व निर्धारण में हमारे माहोल का बहुत बड़ा योगदान होता है। और हमसे से ज्यादातर लोग ऐसे ही माहोल में पैदा होते हैं और बड़े होते हैं। इसलिए उनके जैसा ही उनके भीड़ का हिस्सा बन जाते है।
बड़ी सोच कैसे विकसित करें? और इसका इस्तेमाल वो सब पाने के लिए कैसे करे जो हम पाना चाहते हैं?
इन्सान होने का हमें सबसे बड़ा फायदा ये हैं, कि हमारी सोच को हम कभी भी अपने हिसाब से बदल सकते है। अगर आप भी भीड़ से निकल कर सफलताओं को पाना चाहते है, एक खुशहाल जीवन चाहते हैं, तो अपनी सोच को बड़ा कीजिये अपना नजरियाँ सफलताओ वाली कीजिये।
डेविड जे. श्वार्ट्ज ने जिन्होंने ये किताब “बड़ी सोच का बड़ा जादू” लिखी है। उसने बड़े ही अच्छे तरीके से और असल जिंदगी की सैकड़ों उदाहरण से बड़ी आसानी से बड़ी सोच और उसे विकसित करने के व्यावहारिक तरीके बताये हैं। साथ ही अपनी किताब में डेविड जे. श्वार्ट्ज ये सब हमें बताते हैं :-
– विश्वास करें कि आप सफल हो सकते हैं और आप सफल होंगे।
– असफलता की बीमारी यानि बहानासाईटिस(बहानेबाजी) का इलाज करें।
– आत्मविश्वास जगाये और डर को दूर भगाये।
– रचनात्मक तरीके से कैसे सोचें और सपने देखें।
– अपने दृष्टिकोण को अपना सहयोगी बनायें।
– कर्मठ बनने की आदत डाले।
– हार को किस तरह जीत में बदले।
– लीडर की तरह कैसे सोचें।
– खुशहाल और सफल सामाजिक और पारिवारिक जीवन कैसे पाएं।
– सफलता के गुर सीखें, बड़ा सोचें और वो सब पाएं जिसकी आपको हमेशा से चाह थी।
मै आप लोगों को सलाह दूंगा की, ये किताब आप जरूर पढ़ें। इसमें बताये गये सिद्धांत और व्यावहारिक तरीके निश्चित रूप से एक खुशहाल जीवन बनाने में आपकी मदद करेंगे। अगर खुद के जीवन को सुधारने के लिए खुद में थोड़े पैसे की निवेश करना पड़े तो हमें वो कर देना चाहिए। ये किताब आप यहाँ से खरीद सकते है:
बड़ी सोच का बड़ा जादू (हिंदी)
The Power Of Thinking Big (Eng)
मैंने ये किताब ( Badi Soch Ka Bada Jadu ) पढ़ के जो सीखा था उसे मैंने इस लेख के रूप में आपके सामने पेश करने की कोशिश की है। लेकिन पोस्ट की लम्बाई को ध्यान में रखते हुए, मैं बस इतना ही बड़ा लेख लिख पाया हूँ। मै कोशिश करूंगा की आगे और आपके लिए उपयोगी लेख मै यहाँ लेके आऊँ।
अगर आपने ये किताब पढ़ी है तो अपने अनुभव हमारे साथ जरूर शेयर करें।
धन्यवाद।
15 comments
bahut achcha
My favourite book badi soch ka bada Jadu
यह किताब बहुत ही बेहतरीन है इंसान को सोच में परिवर्तन लाने के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाती है और मैंने इस किताब को पड़ा मुझे बहुत अच्छा लगा और इस किताब को पढ़कर कि मेरी सोच मैं बहुत बड़ी बदलाव आया
बदलाव लाने के लिए किताब से ज्यादा महत्त्व इच्छाशक्ति का है। यदि आपकी इच्छाशक्ति मजबूत है तभी आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
Yes sir ???????????? iss kahani se mujhe apni jindgi me bhut sari predha milta h………..
Life me kuch bda karna hai to bda sochna jaruri hai ……..
Thanking you sir ji
Your obedient
Sanjitraj pandro
Bahut achha likha h mja aa gya pd ke
Ek nya Motivation paida ho gya
Thank You Jitendra Kumar Ji….
Ap ki soch. Bohti majedar thi vaki me bada soche bada pa ye
Thank u sir, bht kuch sikne ko mila..
Thank u so much sir
और भी प्रेरणादायक चीजें पढ़ने के लिए बने रहे अप्रतिमब्लॉग के साथ
Hii dosto m rama joshi. … Is Kitab ko padha or Jo maine sikha h… O m kabhi nahi bhul skta. Kya bat kahi. Sach. … Soch hi jindgi h … Soch ke bina kuch bhi nahi …. … Love.
Aapke Lake se Humko bahut kuch sikhne Ko Mila Hai Aapka dhanyawad karte h sar
hello friend aapka ye letter bahut hi achcha lga hai es letter me likhi gae bate hmare dil ko chu gae hai
this for thank q so much
Very Nice
hello
friend
mujhe aapki letter bahot achchhi lagi
iss letter se hamne bahot kuchh Sikh lia
this for thank q so much
सूरज राजवंश जी, मुझे ख़ुशी है की मेरे लिखे इस लेख से आपको फायदा हुआ है..