सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
इन्सान अक्सर जब किसी से प्यार कर बैठता है तो उसके दो ही अंजाम होते हैं या तो वो मोहब्बत पूरी हो जाती है या फिर अधूरी रह जाती है। अधूरी मोहब्बत रह जाने के कई कारन हो सकते हैं। जिसमें से एक होती है बेवफाई। उसके बाद इन्सान या तो टूट जाता है या फिर मजबूत हो जाता है। वो ठान लेता है कि वो फिर कभी प्यार के चक्कर में नहीं पड़ेगा। ऐसी ही भावनाओं को अधूरे प्यार की कविता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं हरीश चमोली जी। तो आइये पढ़ते हैं उनकी अधूरे प्यार की कविता :-
अधूरे प्यार की कविता
मिले थे हम जबसे संग में
गम का कोई पता न था
रंगे थे जब इक दूजे के रंग में
नम आंखों का कोई पता न था,
आज मैंने यह है माना
प्यार हवा का इक झोंका है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
तमाशा बना इक दिल यहां पर
तो दूजे ने था प्यार बरसाया
करके जुदा खुद से तुमने
मुझको था लाचार बनाया,
अब जलाना ही बाकी रहा
कंधों पर यादों का जो बोझा है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
शुरूवाती दौर से, गुजरे जब हम
सोचा रब से कोई,उपहार मिला
उसकी अदाओं से, लगा था ऐसे
स्वर्ग परी ने कोई, श्रृंगार किया,
आकर मेरी बंजर दुनिया में
कोई रोपा प्यार का पौधा है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
उदासी भरे जीवन में मेरे
फूलों सी महक तुम लायी थी
जग की अब फिकर न थी
जबसे पास मेरे तुम आयी थी,
लगा मुझमे समा जाने से तेरे
हुआ नूर मेरा चोखा है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
मुश्किल है अब तुझ बिन जीना
बिन तेरे अब क्या करना है
दिल तोड़ मुझे जो घाव दिए
और तेरी यादों के संग मरना है,
तुम चाहो हालात बदलना तो
अभी न बचा कोई मौका है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
भूख लगे न प्यास लगे अब
मन रहे बैचैन-परेशान
दिन कटता है याद में तेरी
रातों में साथ रोता है आसमान,
छोड़ दिया मुंह मोड़ लिया
कैसा ये घात किया अनोखा है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
दोस्त भी दुश्मन होने लगे थे
जब प्यार मुझे हुआ था तुमसे
रही होगी कोई, कमी मेरे प्यार में
जो इक पल में था जुदा किया खुदसे,
चली गयी तुम मुझे छोड़ ऐसे कि
पलटकर फिर कभी न देखा है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
तेरे लिए ये दिल बहुत रो लिया
तेरी यादों में खुद को खो दिया
तूने अपना दिल बहलाया था
हमने भी सब आंसुओं से धो दिया,
फिर न लगायेंगे दिल हम किसी से
दिल नादान को मैने अब रोका है
इक अरसे के बाद है जाना
प्यार मोहब्बत इक धोखा है।
पढ़िए प्यार से संबंधित यह बेहतरीन रचनाएं :-
- अधूरी मोहब्बत की कविता ‘काश तुम समझ पाती’
- पहले प्यार की कविता | हर इबादत बंदगी लगने लगी
- काश तुम समझ पाती | अधूरे प्यार की कविता | कविता भावनाओं की
- प्यार पर अनमोल विचार | इतिहास के कुछ महापुरुषों द्वारा प्यार पर कुछ गहरे विचार
मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
‘ अधूरे प्यार की कविता ‘ के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
धन्यवाद।
2 comments
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आर्यन जी।
waah bahut khoob kya kahne